साल 2026 को लेकर ज्योतिष प्रेमियों में पहले से ही खास उत्सुकता देखने को मिल रही है. इसका प्रमुख कारण शनि देव का प्रभाव और उनका ‘पाया’ है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, के अनुसार शनि का पाया यह संकेत देता है कि आने वाला वर्ष किसी राशि के लिए संघर्षपूर्ण रहेगा या उन्नति और राहत के योग बनाएगा.
उमाशंकर मिश्र का कहना है कि, साल 2026 में शनि देव पूरे वर्ष मीन राशि में ही विराजमान रहेंगे. इस कारण मेष, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा, जबकि सिंह और कुंभ राशि पर शनि की ढैय्या प्रभावी रहेगी. ऐसे में कई राशियों के लिए यह वर्ष विशेष सावधानी और धैर्य की मांग करेगा.
ज्योतिष के अनुसार शनि के गोचर के समय चंद्रमा की स्थिति के आधार पर पाया तय होता है.
- 1, 6 और 11वें भाव में चंद्रमा हो तो स्वर्ण पाया
- 2, 5 और 9वें भाव में रजत पाया
- 3, 9 और 10वें भाव में ताम्र पाया
- 4, 8 और 12वें भाव में लौह पाया माना जाता है
साल 2026 में मेष, सिंह और धनु राशि पर शनि का लौह पाया रहेगा. इन राशियों के जातकों को निजी और पेशेवर जीवन में अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. कार्यभार बढ़ेगा और निर्णय सोच-समझकर लेने होंगे. शॉर्टकट से बचना जरूरी रहेगा, हालांकि धैर्य रखने पर मेहनत का फल जरूर मिलेगा.
वृषभ, तुला और मीन राशि पर शनि का स्वर्ण पाया रहेगा. इन राशियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. नौकरीपेशा लोगों को ऑफिस पॉलिटिक्स से दूर रहना चाहिए. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना लाभकारी रहेगा. सही संतुलन और सावधानी से यह वर्ष तरक्की भी दिला सकता है.
मिथुन, कन्या और मकर राशि के लिए 2026 सामान्य रहेगा. उतार-चढ़ाव रहेंगे, लेकिन छात्रों के लिए यह समय शुभ है. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं और प्रेम संबंधों में सकारात्मक बदलाव आएंगे.
कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि पर शनि का रजत पाया रहेगा. यह पाया मानसिक स्थिरता और धीमी लेकिन स्थायी प्रगति का संकेत देता है. रिश्तों में सुधार होगा, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और नौकरी व कारोबार में अच्छे लाभ के योग बनेंगे.
साल 2026 में शनि देव सभी राशियों को कर्म, धैर्य और अनुशासन का पाठ पढ़ाएंगे. जो व्यक्ति मेहनत और संयम का मार्ग अपनाएगा, उसके लिए शनि देव उन्नति के द्वार भी खोल सकते हैं.
